लेखनी कहानी -12-Apr-2022 शोर्ट स्टोरी लेखन # फुलकारी का दुपट्टा
मदन बहुत ही शर्मीले किस्म का लड़का था ।गांव से शहर आया था पढ़ने के लिए और यही का हो कर रह गया पहले पांच साल पढ़ाई मे लगा दिए और अब नौकरी भी पास के दूसरे शहर मे लग गयी थी वहां वह एक कमरे के मकान मे किराये पर रहता था ।कभी कभी जब घर का खाना खाने का मन करता तो गांव से बहन को बुला लेता था इस बहाने वो शहर घुम जाती थी। कालेज मे वह अपने जिगरी दोस्त साहिल की बहन पूनम से मन ही मन बहुत प्यार करने लगा था पर शर्मीले स्वभाव के कारण कभी कह नही पाया।उसी दौरान उसकी नौकरी दूसरे शहर मे लग गयी फिर पूनम और साहिल से मिलना हो ही नही पाया ।मदन भी आफिस के कामों मे इतना व्यस्त है गया कि यार दोस्त सब पीछे छूट गये।तीन सालों से एक ही आफिस मे काम कर रहा था ।
आज मौसम बहुत खराब था मदन ने आफिस से छुट्टी ली हुई थी ।सुबह से ही रिमझिम बरखा हो रही थी कभी कम तो कभी ज्यादा ।शाम तक वह चादर ताने बिस्तर पर पड़ा रहा और मौसम का लुत्फ उठाता रहा । आज पता नही क्यों उसे पूनम की बार बार याद आ रही थी।शाम को छह बजे के करीब बरसात बहुत तेज हो गयी थी ।काले बादलों ने आकाश मे डेरा डाल लिया था रह रह कर बिजली की चमक और बादलों की गड़गड़ाहट मौसम को डरावना बना रही थी। तभी दरवाजे की घंटी बजी ।वह एकदम से हड़बड़ा गया ।इस समय कौन हो सकता है । यहां गली पड़ोस मे तो मुझे कोई जानता भी नही।वह अनमने मन से यह सोचकर उठा की अगर गली के शरारती बच्चे हुए तो जोर से डांट लगाऊंगा। जब दरवाजा खोला तो वह एकदम से भौंचक्का रह गया ।जिसे वो आज सारा दिन याद करता रहा वो उसके सामने खड़ी थी ।पीले रंग के फुलकारी दुपट्टे के साथ जो जामुनी कलर का पटियाला सूट पहन रखा था पूनम ने कहर ढा रही थी मेचिंग के ईयररिंग्स उसके खुले बाल जो अब तक बारिश मे भीग गये थे उन पर गजब लग रहे थे मदन का मुंह खुला का खुला रह गया बस इतना ही निकला मुंह से ,"तुम और यहां इस समय।"
पूनम बोली,"अरे अरे बस बाबा ।सारी बातें यही गेट पर ही पूछ लोगे या अंदर भी आने दोगे।मदन को जैसे खुमारी सी छाने लगी थी जिसे वह मन ही मन प्यार करता था वह इस सुहाने मौसम मे उसके इतने पास थी।मदन यंत्रवत साइड मे हट गया । पूनम उसे एक तरफ करते हुए अंदर आ गयी और उसके बैड पर ही बैठ गयी ।और मदन से बोली ,"यूं तो मन ही मन याद करते है और अब आ गयी हूं तो ऐसे व्यवहार कर रहे है जैसे कोई भूत देख लिया हो।"मदन अपने व्यवहार पर शर्मींदा होते हुए बोला,"मुझे माफ करना मै तुम्हे अचानक यहां देखकर हैरान रह गया।वैसे इस समय कहां से आ रही हो ?और साहिल कहां है ? ।"पूनम ने कहां,"यही पास मे सहेली की शादी थी वही से आते हुए सोचा तुमसे मिल लूं तुम जो मुझे याद कर रहे थे।"मदन ने उसे एक तौलिया दिया और कहां तुम बाल सुखा लो नही तो बीमार पड़ जाओगी।मै इतने तुम्हारे लिए चाय बनाकर लाता हूं ।"यह कह कर मदन रसोईघर मे चला गया जाते जाते वह बस पूनम के भरराये गले से ये ही शब्द सुन पाया कि बीमारी हमे क्या सताये गी।उसने सोचा हो सकता है साहिल की पत्नी के साथ पूनम की अनबन होगी तभी वह यह बोल रही है।मदन को आदत थी वह फोन अपने साथ रखता था ।उसने फोन में से साहिल का नंबर निकाला ताकि उसे बता दे की पूनम उसके घर है बारिश तेज हो रही है जरा हल्की होते ही वह उसे अपनी गाड़ी से घर छोड़ देगा।मदन ने जैसे ही साहिल को फोन लगाकर यह बात बताई वह फूटफूट कर रोने लगा और बोला,"क्या बात करते हो मदन ।पूनम को तो गये आज तेरह दिन हो गये वो अपनी सहेली की शादी मे तुम्हारे शहर आयी थी वापस जाते समय हाईवे पर उसका बहुत भयंकर एक्सीडेंट हो गया ।शरीर के चिथड़े हो गये थे हम ने तो उसे उसके पीले फुलकारी वाले दुपट्टे से पहचाना यार वो तेरे पास कहां से आ सकती है।मदन के हाथ से मोबाइल छूट गया।वह गैस पर चाय रिझती छोड़कर फटाफट वहां भागा जहां पूनम को बैठा कर आया था ।देखा तो वहां कोई नही था बस बैड पर गीला तौलिया गवाही दे रहा था उसके एक तरफा प्यार के यहां होने की।
जोनर # होरर
Seema Priyadarshini sahay
28-May-2022 07:07 PM
बेहतरीन कहानी
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Gunjan Kamal
07-May-2022 11:24 AM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Rohan Nanda
20-Apr-2022 04:09 PM
Nice
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